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Sunday, 9 October 2022

क्या नए श्रम कानून आपके लिए लाभकारी हैं?

भारत सरकार देश में जल्द ही नया श्रम कानून (New Labour Code) कानून लागू करने जा रही है। जिसके बाद एक साल काम करने पर ही कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होगा। वहीं, तय समय से 15 मिनट भी ज्यादा काम करने पर कर्मचारियों को ओवरटाइम मिलेगा।

नए श्रम कानून में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी का प्रावधान दिया जाएगा। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, 31 से ज्यादा राज्यों ने इसे स्वीकार लिया है। ज्यादातर राज्यों ने इसके लिए नियम भी बना लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई है, जिसके लिए चर्चा की जा रही है। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कानून को सरकार कब लाएगी, लेकिन जल्द ही नए कानून को लागू किया जाएगा।



नया श्रम कानून आने से कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी मिलेगी। कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। इस दौरान दो बार आधे घंटे की छुट्टी भी मिलेगी। अगर कंपनी 12 घंटे की वर्क शिफ्ट को लागू करती है तो उसे कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी देनी पड़ेगी।

महिला कर्मचारियों की सहमति के बिना नाइट शिफ्ट नहीं: नए कानून के तहत अगर किसी कर्मचारी को लंबी छुट्टी लेनी होती थी तो उसे कम से कम 240 दिन तक साल में काम करना पड़ता था, लेकिन अब मात्र 180 दिन काम करने पर छुट्टी ली जा सकती है। महिला कर्मचारियों की सहमति के बिना उन पर नाइट शिफ्ट में काम करने का दबाव नहीं डाला जा सकेगा।

ज्यादा कटेंगे पीएफ और ग्रेच्युटी: नए ड्राफ्ट रूल्‍स के अनुसार, बेसिक सैलरी कुल वेतन की 50 फीसदी या ज्‍यादा होगी। बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा। ऐसे में नए नियम लागू होने के बाद कर्मचारी के हाथ में सैलरी तो कम आएगी, लेकिन प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी ज्यादा मिलेगी।

दो दिन में फ़ाइनल सेटलमेंट: नया श्रम कानून आने के बाद सिर्फ दो दिन में कर्मचारियों का पूरा और अंतिम भुगतान हो जाएगा। कहीं नौकरी छोड़ने या नौकरी से निकालने की दशा में पैसे से जुड़े सारे प्रोसेस सिर्फ दो दिन में सेटल हो जाएंगे। वर्तमान समय में अंतिम भुगतान पूरा करने में 45 दिन लगते हैं।

किसी मुद्दे पर यूनियन और नियोक्ता के बीच बातचीत फेल होने पर इसकी जानकारी सरकार को दी जाएगी और मामला ट्रिब्यूनल भेजा जाएगा। अंतिम फैसला आने तक कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे। इसमें सामूहिक छुट्टी को भी हड़ताल की श्रेणी में रखा गया है।

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